Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी ||
Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी || आकर्षक हिमालयी झील शहर, नैनीताल, एक चित्र-पोस्टकार्ड आदर्श हिल-स्टेशन है और उत्तरी भारत में सबसे लोकप्रिय में से एक है। आमतौर पर ‘झील जिले’ के रूप में जाना जाने वाला, नैनीताल कुमाऊं हिमालय में समुद्र तल से लगभग 2,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह खूबसूरत शहर सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो ‘सप्त-श्रृंग’ के नाम से मशहूर है – अयारपाटा, देवपाटा, हांडी-बांडी, नैना, अल्मा, लारिया-कांता और शेर-का-डांडा। राजसी पहाड़ और झील का चमचमाता पानी शहर की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। यह शहर पन्ना पर्वत झील नैनी के आसपास केंद्रित है, जो ज्यादातर दिनों में रंगीन नौकाओं से भरी रहती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माना जाता है कि झील का निर्माण तब हुआ जब देवी “सती” की आंखें इस स्थान पर गिरीं, जब उनकी मृत्यु के बाद उनके शरीर को भगवान शिव ले जा रहे थे।
6 – नैनीताल घूमने की बेहतरीन जगहें:-
1. नैनी झील:-


Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी || नैनीताल की नैनी झील उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध और खूबसूरत झील है। यह झील समुद्र तल से लगभग 2,084 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चारों तरफ हरे-भरे पहाड़ों से घिरी हुई है। नैनी झील का आकार अर्धचंद्राकार (आंख की आकृति जैसा) है, और इसका नाम “नैना देवी” के नाम पर रखा गया है, जो इस क्षेत्र की आराध्य देवी हैं।
नैनी झील की विशेषताएं:
- प्राकृतिक सौंदर्य: झील का साफ और शांत पानी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। झील के चारों ओर का प्राकृतिक दृश्य बेहद मनमोहक है।
- नौकायन (Boating): यहां पर पर्यटक नौकायन का आनंद ले सकते हैं। यह झील में सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है।
- शाम का नजारा: झील पर डूबते सूरज का दृश्य अद्भुत होता है। झील के किनारे बैठकर सूर्यास्त का आनंद लेना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
- झील का धार्मिक महत्व: यह झील नैना देवी मंदिर के पास स्थित है, जो हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
2. नैना देवी मंदिर:-

नैनीताल का नैना देवी मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर मां नैना देवी को समर्पित है, जिन्हें शक्ति का स्वरूप माना जाता है।
नैना देवी मंदिर का धार्मिक महत्व:
नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में स्वयं को अग्नि को अर्पित कर दिया, तो भगवान शिव ने उनके शरीर को उठाकर तांडव नृत्य किया। इसे देखकर भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से खंडित कर दिया। सती के शरीर के विभिन्न अंग जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ के रूप में माने गए।
Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी || कहा जाता है कि नैनीताल के इस स्थान पर सती के नेत्र (आंखें) गिरे थे, इसलिए इस जगह का नाम “नैनी” पड़ा और यह देवी नैना के रूप में पूजित हुईं।
कैसे पहुंचे:
नैना देवी मंदिर नैनीताल के मॉल रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित है। मंदिर तक आसानी से पैदल या स्थानीय वाहनों से पहुंचा जा सकता है।
नैना देवी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां का अद्भुत प्राकृतिक वातावरण श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
3. कैंची धाम:-


नैनीताल का कैंची धाम मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है और बाबा नीम करौली महाराज (Neem Karoli Baba) की तपोस्थली के रूप में जाना जाता है। कैंची धाम अपनी शांति, दिव्यता और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनियाभर में मशहूर है।
कैंची धाम मंदिर का परिचय:
- स्थान: यह मंदिर नैनीताल-अल्मोड़ा रोड पर स्थित है और नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर है।
- स्थापना: कैंची धाम की स्थापना 1962 में बाबा नीम करौली महाराज द्वारा की गई थी। बाबा नीम करौली एक सिद्ध पुरुष और संत थे, जिनकी भक्तिभावना और चमत्कारों के कारण यह स्थान विश्वविख्यात हुआ।
- नाम का अर्थ: इस स्थान का नाम “कैंची धाम” इसलिए पड़ा क्योंकि यह मंदिर दो घुमावदार पहाड़ों के बीच (घाटी में) स्थित है, जो कैंची (कैंची यानी कैंची जैसा आकार) की आकृति बनाते हैं।
कैंची धाम की विशेषताएं:
- आध्यात्मिक ऊर्जा: यह स्थान भक्तों को अद्भुत शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कराता है।
- हनुमान जी की मूर्ति: मंदिर में हनुमान जी की एक विशाल और आकर्षक मूर्ति स्थापित है।
- विदेशी भक्तों का आकर्षण: बाबा नीम करौली महाराज के भक्त न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी आते हैं। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी इस धाम के प्रसिद्ध भक्तों में से हैं।
- प्रसाद और भंडारा: यहां आने वाले भक्तों को प्रसाद और भंडारे का प्रसाद मिलता है।
कैंची धाम की यात्रा:
यहां पहुंचने के लिए आप नैनीताल से टैक्सी या बस ले सकते हैं। यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और यहां का सफर प्राकृतिक दृश्यों से भरा हुआ है।
कैंची धाम का वातावरण इतना पवित्र और शांत है कि यहां आकर हर कोई आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का अनुभव करता है।
4. टिफिन टॉप:-


नैनीताल का टिफिन टॉप एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जो इस खूबसूरत हिल स्टेशन में स्थित है। इसे डोरोथी सीट के नाम से भी जाना जाता है। यह जगह नैनीताल के मुख्य बाजार से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है और समुद्र तल से 2,292 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
टिफिन टॉप पर क्या करें?
- ट्रेकिंग: साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए यह जगह बेहद खास है। नैनीताल से टिफिन टॉप तक का ट्रेक आसान और रोमांचक होता है।
- घुड़सवारी: यहां तक पहुंचने के लिए घुड़सवारी का विकल्प भी उपलब्ध है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
- फोटोग्राफी: यहां का नजारा इतना खूबसूरत है कि फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
टिफिन टॉप जाने का सही समय:
मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान मौसम साफ और खुशनुमा रहता है, जिससे दूर तक के नज़ारे स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।
क्यों जाएं टिफिन टॉप?
- नैनीताल के ऊंचाई वाले इस स्थान से पूरे शहर का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।
- शांत वातावरण में प्रकृति के साथ समय बिताने के लिए यह जगह अद्भुत है।
- यह स्थान उन लोगों के लिए भी खास है जो ट्रेकिंग और एडवेंचर का आनंद लेना चाहते हैं।
टिफिन टॉप नैनीताल के आकर्षणों में से एक है, जहां हर प्रकृति प्रेमी को जरूर जाना चाहिए।
5. स्नो व्यू पॉइंट:-

नैनीताल का स्नो व्यू प्वाइंट (Snow View Point) एक बेहद लोकप्रिय और खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 2,270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और नैनीताल झील से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
स्नो व्यू प्वाइंट की विशेषताएं:
- हिमालय का नजारा: यहां से पर्यटक नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा कोट जैसी हिमालय की प्रमुख बर्फीली चोटियों का शानदार दृश्य देख सकते हैं। सर्दियों में यह नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है।
- केबल कार (Ropeway): स्नो व्यू प्वाइंट तक पहुंचने के लिए आप रोपवे का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो एक रोमांचक अनुभव है। यह रोपवे मल्लीताल से शुरू होकर सीधे स्नो व्यू प्वाइंट तक ले जाता है।
- फोटोग्राफी का स्वर्ग: यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए जन्नत है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद मनमोहक होता है।
- परिवार के लिए आदर्श स्थान: स्नो व्यू प्वाइंट पर बच्चों के खेलने के लिए छोटे पार्क और कुछ मनोरंजक गतिविधियां भी उपलब्ध हैं।
- दूरबीन की सुविधा: पर्यटकों के लिए दूरबीन की व्यवस्था है, जिससे आप हिमालय की चोटियों को और भी करीब से देख सकते हैं।
यहां कैसे पहुंचें:
- रोपवे: यह मल्लीताल से शुरू होता है और कुछ ही मिनटों में आपको स्नो व्यू प्वाइंट पर पहुंचा देता है।
- सड़क मार्ग: आप टैक्सी या गाड़ी के जरिए भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय:
- स्नो व्यू प्वाइंट का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है, जब आप बर्फबारी और बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देख सकते हैं।
- साफ आसमान और ठंडी हवाओं के लिए गर्मियों का समय (मार्च से जून) भी अच्छा होता है।
6. मॉल रोड पर शाम की चहलकदमी:-


नैनीताल की मॉल रोड पर शाम की चहलकदमी यहाँ के सबसे यादगार अनुभवों में से एक है। यह रोड नैनी झील के किनारे-किनारे फैली हुई है और नैनीताल के दिल के रूप में जानी जाती है। Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी || मॉल रोड का वातावरण शाम के समय जीवंत और खूबसूरत हो जाता है, जब झील पर सूर्यास्त की किरणें पड़ती हैं और दुकानों की रोशनी झिलमिलाने लगती है।
मॉल रोड पर शाम की खास बातें:
- प्राकृतिक सुंदरता: शाम के समय मॉल रोड पर झील का नजारा बहुत ही मनमोहक होता है। ठंडी हवा के साथ झील में पड़ती रोशनी का प्रतिबिंब इसे और भी आकर्षक बना देता है।
- खरीदारी का मजा: मॉल रोड पर कई छोटी-बड़ी दुकानें हैं, जहां से आप कपड़े, ऊनी सामान, हैंडीक्राफ्ट, मोमबत्तियां और स्थानीय स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।
- स्थानीय भोजन: यहां की सड़क के किनारे कई छोटे-बड़े रेस्टोरेंट और स्टॉल हैं, जहां आप गरमा-गरम मोमोज, चाय, कॉफी, भुट्टा, और स्थानीय पकवानों का स्वाद ले सकते हैं।
शांत माहौल: झील के किनारे बैठकर या टहलते हुए आप यहां के शांत और सुकून भरे वातावरण का आनंद ले सकते हैं। यह जगह दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए आदर्श है।
मॉल रोड पर करने लायक चीजें:
- नैनी झील के किनारे बैठकर शांत वातावरण का आनंद लेना।
- स्थानीय चीजों की खरीदारी करना।
शाम को मॉल रोड का अनुभव क्यों खास है?
- रोशनी और सजावट: शाम के समय दुकानें और झील के किनारे की लाइट्स एक अलग ही माहौल बनाती हैं।
- रोमांटिक वाइब्स: कपल्स के लिए यह एक परफेक्ट जगह है, जहां वे झील के किनारे हाथों में हाथ डालकर टहल सकते हैं।
- फोटोग्राफी: मॉल रोड पर झील और आसपास के नजारे आपकी तस्वीरों को और खास बना देंगे।
2. नैनीताल जाने का सही समय:-

नैनीताल घूमने का सही समय साल के अलग-अलग मौसमों पर निर्भर करता है, क्योंकि हर मौसम में नैनीताल का अपना एक अलग आकर्षण होता है। Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी || लेकिन यहां का सबसे अच्छा समय पर्यटक की प्राथमिकताओं के अनुसार तय किया जा सकता है।
1. गर्मी का मौसम (मार्च से जून)
- सबसे आदर्श समय: गर्मियों के दौरान नैनीताल का मौसम बेहद सुहावना रहता है। तापमान 10°C से 25°C के बीच होता है, जो इसे गर्मियों की छुट्टियों के लिए परफेक्ट बनाता है।
- आकर्षण:
- इस मौसम में नैनी झील में नौकायन का आनंद लिया जा सकता है।
- हरे-भरे पहाड़ और झील का शांत वातावरण।
- एडवेंचर एक्टिविटी जैसे ट्रैकिंग और पैराग्लाइडिंग।
- क्यों जाएं: यदि आप गर्मी से बचना चाहते हैं और एक सुकून भरी जगह की तलाश में हैं, तो यह समय सबसे उपयुक्त है।
2. मानसून का मौसम (जुलाई से सितंबर)
- मौसम का हाल: मानसून के दौरान नैनीताल में अच्छी बारिश होती है। पहाड़ और झीलों के चारों ओर हरियाली बढ़ जाती है।
- आकर्षण:
- यह समय प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
- होटल और रिजॉर्ट में छूट मिलती है, क्योंकि मानसून में पर्यटक कम आते हैं।
- ध्यान देने योग्य:
- बारिश के कारण भूस्खलन की संभावना हो सकती है।
- क्यों जाएं: अगर आपको बारिश पसंद है और भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं, तो मानसून में नैनीताल का अनुभव अनोखा हो सकता है।
3. सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से फरवरी)
- सबसे खूबसूरत समय: सर्दियों के दौरान नैनीताल बर्फ की सफेद चादर में लिपटा होता है। तापमान 0°C से 15°C तक जा सकता है।
- आकर्षण:
- बर्फबारी का आनंद लेने के लिए यह समय बेहतरीन है।
- स्नो व्यू प्वाइंट और हिमालय की चोटियों के शानदार दृश्य।
- क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए खास माहौल।
- क्यों जाएं: यदि आप बर्फबारी और ठंडे मौसम का आनंद लेना चाहते हैं, तो सर्दियों का समय सबसे बेहतरीन है।
उपयुक्त समय का चयन कैसे करें?
- गर्मी में जाएं: अगर आप सुकून और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं।
- सर्दी में जाएं: अगर आपको बर्फबारी और ठंड पसंद है।
- मानसून में जाएं: अगर आप शांत वातावरण और हरियाली का आनंद लेना चाहते हैं।
नोट: नैनीताल जाने से पहले मौसम का हाल और स्थानीय परिस्थितियों की जानकारी जरूर ले लें।
नैनीताल पहुंचने के लिए सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट पंतनगर (65 किमी) और निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (35 किमी) है। यहां से टैक्सी/बस मिल जाती है। दिल्ली से सीधी बसें भी उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से दिल्ली (320 किमी) और लखनऊ (400 किमी) से कार या बस द्वारा पहुंच सकते हैं।

1. हवाई मार्ग से नैनीताल कैसे पहुंचें?
- निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर हवाई अड्डा (Pantnagar Airport), जो नैनीताल से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है।
- उपलब्ध फ्लाइट्स: पंतनगर तक दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से घरेलू उड़ानें उपलब्ध हैं।
- हवाई अड्डे से नैनीताल तक का सफर:
- आप पंतनगर से टैक्सी या कैब किराए पर लेकर 2-3 घंटे में नैनीताल पहुंच सकते हैं।
- बस सेवा भी उपलब्ध है।

2. रेल मार्ग (By Train):
- नैनीताल का नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम (Kathgodam) है, जो नैनीताल से लगभग 34 किलोमीटर दूर है।
- काठगोदाम रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों (जैसे दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता) से जुड़ा हुआ है।
- काठगोदाम से नैनीताल तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी या बस ले सकते हैं, जिसमें लगभग 1-1.5 घंटे लगते हैं।

3. सड़क मार्ग से नैनीताल कैसे पहुंचें?
- दिल्ली से नैनीताल की दूरी: लगभग 300 किमी।
- बस सेवा: Nainital:- || उत्तराखंड की झील नगरी ||
- दिल्ली के कश्मीरी गेट और आनंद विहार बस अड्डे से नैनीताल के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) की सरकारी बसें और प्राइवेट वोल्वो बसें उपलब्ध हैं।
- नज़दीकी बड़े शहरों (देहरादून, हल्द्वानी, लखनऊ) से भी बस सेवा उपलब्ध है।
- टैक्सी या निजी वाहन:
- आप दिल्ली से नैनीताल तक कार या टैक्सी से 7-8 घंटे में पहुंच सकते हैं।
- दिल्ली से नैनीताल का प्रमुख रूट: दिल्ली → गाजियाबाद → मुरादाबाद → रामपुर → हल्द्वानी → काठगोदाम → नैनीताल।
4. नजदीकी प्रमुख शहरों से दूरी:-
- दिल्ली: 300 किमी
- देहरादून: 285 किमी
- हल्द्वानी: 40 किमी
- काठगोदाम: 35 किमी
- लखनऊ: 400 किमी
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